भारत में एक मुसलमान का जीवन और खाड़ी देश तक का सफर
भारत में एक मुस्लिम का जीवन क्या और खड़ी देश तक के सफर के बारे में आज बात करते हैं, एक आम मुसलमान का जीवन कैसे बीतता है और वह क्या चाहता है, क्या उसके साथ होता है।

भारत में एक मुसलमान का जीवन और खाड़ी देश तक का सफर
मैं 21 साल का युवा मुसलमान हूँ सुबह सोकर उठता हूँ, हाथ मुंह धोकर दूध कम पानी ज्यादा की चाय पीता हूँ, कपड़े पहनता हूं कल की कमाई के बचे हुए 40 से 50 रूपये दिन भर के खाने के लिए जेब में रखकर पैदल या टूटा फूटा साइकिल या बाइक लेकर काम पर निकल जाता हूँ।
आप के लिए सुर्खियाँ
आप के लिए चुनी गई खबरें
- 10 हजार से कम में 108MP कैमरा वाला Realme फोन, डिजाइन म...
- Big Boss OTT 2 Finale Update: बिग बॉस में विनर कि रेस स...
- Big Boss OTT 2 Winner: Bigg Boss के इतिहास में पहली बार...
खास खबरें
- इसे भी पढ़ें: Saudi Arab Domestic work : सऊदी अरब में 29 देशों से Domestic Labour की अनुमति
- इसे भी पढ़ें: Saudi Job : सऊदी अरब में अरामको ने निकाली vacancy , सैलरी सुनकर रह जायेंगे दंग
विज्ञापन
- ऑफर: केवल 30 रुपये प्रति माह के लिए सर्वश्रेष्ठ होस्टिंग खरीदें यहां क्लिक करें
रास्ते में कहीं अगर दुसरे समुदाय के लड़के किसी वजह से फंसे होते है उस वक़्त में कुछ न कुछ जुगाड़ करके अपने मिस्त्रीपन से किसी की परेशानी हल कर रहा होता हूँ मेरा भी दिल होता है पढने का मगर क्या करूं तकरीबन 75 सालो में सरकारों ने मेरे समुदाय की हालत ऐसी बना दी है जिसमें मैं दलितों से भी बुरी स्थिति में गिना जाता हूँ।
हाँ कभी कभार मैं भी दोस्तों के साथ होटल सोटेल में चला जाता हूँ घूमने खाने पीने, रात को 9 या 10 बजे घर आ जाता हूँ घर के बाहर दोस्तों के साथ गपशप करता हूँ थोड़ी देर देश दुनिया में क्या चल रहा है जानने के लिए फेसबुक ट्विटर खोल लेता हूँ क्योंकि टीवी मैं देखता नहीं दरअसल पूरे देश में मुसलमानों के खिलाफ जहर भर जो दिया है जैसे ही टीवी खोलो वही कहानी मुल्ले मुल्लो, लव जिहाद, सामाजिक बहिष्कार तो टीवी कहां से देखे।
और हाँ बुध्धिजीवी बनने का कीड़ा उन लोगो को होता है जो हर काम में मेरे समुदाय में ही कमी निकालते रहते है मेरे समुदाय के हालत के बारे में पटना ब्रिज से भी लम्बी लम्बी पोस्ट डाली जाती हैं फिर रात में उस पर आये दुसरे समुदाय के कमेन्ट शराब का घूँट मारकर पढ़कर हँसेंगे।
भारत में एक मुसलमान का जीवन और खाड़ी देश तक का सफर भारत में एक मुस्लिम का जीवन क्या और खड़ी देश तक के सफर के बारे में... Posted by Furkan S Khan on Thursday, August 17, 2023
और अगर फिर भी आप मुझसे यह उम्मीद करे की मैं आईएएस, डाक्टर , इंजीनियर , हाफिज या आलिम बनू तो हम उसकी भी कोशिश कर रहे है इंशाअल्लाह अब नहीं तो अब से 10-20 साल बाद देखिएगा आपको हालात जरुर बदले दिखेंगे।
वो क्या है अगर हम लोगो में आईएस, आईपीएस, डीआईजी, डॉक्टर, वकील बन भी जाता है तो उसका हाल जियाउल हक, शाहिद, कफील जैसा कर दिया जाता है, हमें ट्रेनों में गोली मार दी जाती है, हमें राजस्थान में जिंदा जला दिया जाता है हमें फ्रीज में गोश्त रखने के इल्जाम में लिंचिंग कर दिया जाता है।
अपने घर में धार्मिक झंडा लगाने पर हमें इस लिए मार दिया जाता है और जेलों में डाल दिया जाता है की हमने पाकिस्तानी झंडा लगाया था जिंदगी इसी में बीत जाती है उसे धार्मिक झंडा ठहराने में।
सोभा यात्रा के नाम पर हमारे घरों को बुलडोजर से ढाया जाता है अगर हम राजनीति में कदम जमाने की कोशिश करते हैं तो हमें उमर खालिद, शाहरुख की तरह हजारों नवजवान को जेलों में बिना ट्रायल के उम्र भर के लिए डाल दिया जाता है।
हमारे तेहवारो को ऊपर प्रतिबंध लगाया जाता है जगह जगह पोस्टर लगाकर हमारा सामाजिक बहिष्कार किया जाता है, हमारे समुदाय को आतंकी कह कर कहीं भी एनकाउंटर कर दिया जाता है, हमारे चुने गई विधायक, सांसद के पूरे परिवार को इस लिए खत्म कर दिया जाता है की वह मुसलमान है उसके परिवार का एनकाउंटर कर दिया जाता है, फिर ड्रामा के लिए सदन में सोग भी मनाया जाता है।
फिर यही लोग हमसे कैसी उम्मीद रखते?
ऐसे हजारों मुसलमानो को कहानियां है देश में जो उजागर होनी चाहिए सोशल मीडिया के माध्यम से।
आज का सिस्टम तो ऐसा बना दिया है मुसलमानों के लिए की मुसलमान का लड़का सिर्फ अपने 21 साल पूरे होने का इंतजार करता है की कब वो 21 साल का होगा उसका पासपोर्ट बने और वो किसी गल्फ देश में चला जय कमाने।
सिस्टम ने ऐसा बुरा हाल कर दिया है किसी की बहन बैठी है किसी को अपनी शादी करनी है पैसा नहीं है अब उसके पास एक ही रास्ता है वो अपना पासपोर्ट बनवाई ड्राइविंग सीखे और गल्फ में काम के लिए निकल जाए।
आप को मालूम है जब एक मुस्लिम लड़का पासपोर्ट ड्राइविंग लाइसेंस के लिए अप्लाई करता है तो उसको किन किन समस्याओं का सामना करना पड़ता है, पासपोर्ट बनवाने के लिए सरकारी 1500 रुपया फीस होती है लेकिन मुसलमान लड़के का पासपोर्ट 30 से 35 हजार का पड़ जाता है जानते हैं क्यों?
क्योंकि अगर आप के ऊपर कोई ऐसे ही लेबर 4/10 का ही जुर्माना हुआ हो तो पुलिस 50 हजार रुपया की डिमांड करती है सीधा ये कहकर की आप तो दंडित हैं आप कोर्ट से ये लिखवा के लाई की आप को डंडमुफ्त किया जाता है, और ऐसा तो होना नहीं है, फिर वो चक्कर लगा लगा के थक जाता है आखिर में आकर 20 से 25 हजार देता है पुलिस वेरिफिकेशन रिपोर्ट क्लियर होती है फिर उसका पासपोर्ट आता है।
अब वो 1 लाख रूपया लगा के गल्फ देशों में जाता है 3 से 4 साल कमाता है बहन की शादी करता है घर न हो तो घर बनवाता है, और जब जाने लगता है तो अपने मिलने वाले यार दोस्तों के लिए खुशबू इत्र खजूर या कुछ लेकर जाता है।
और तो और ये मुसलमान कोम सरकार से अपना विरोध भी नहीं करती की हमें रोजगार चाहिए हमें सिस्टम में हिस्सा चाहिए हमें भी सुविधा चाहिए चुपचाप बाहर निकल जाता है कमाने, इस मुसलमान की चंद दिनों की ही खुशी रहती है अपने घर बनाने की क्योंकि कुछ दिन बाद अगर कभी इस इलाके में कुछ भी हो गया तो सबसे पहले खबर मिलती है की उसका घर ही थोड़ दिया गया है गैर कानूनी बता कर।
असल मसला तो ये है अगर हम लोग गल्फ या सऊदी अरब का रुख ना किया होता तो आज आपके सिस्टम ने हमारे हाथ में भीख का कटोरा थमा दिया होता या हमसे नालियाँ और गटर साफ़ कराये जा रहे होते और हाँ गल्फ देशों में हम लोग इसलिए आये है की जिन वजह से हमारी पढ़ाई लिखाई रुक गयी थी आने वाली नस्लों को उन दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।
वैसे हम सऊदी अरब में पड़े हुए जाहिल लोग हर महीने देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत कर रहे है आप जैसे पढ़े लिखे ज्ञानी लोग देश में विकास में क्या योगदान दे रहे है ये कमेंट में बताई.
अस्वीकरण
This post has been self-published. Vews.in neither endorses, nor is responsible for the views expressed by the author.... Profile .